<p>भारत की भू-वैज्ञानिक संरचना: एक संपूर्ण अध्ययन (India's Geological Structure: A Complete Study)</p>

भारत की भू-वैज्ञानिक संरचना: एक संपूर्ण अध्ययन (India's Geological Structure: A Complete Study)

Published on September 10, 2025

भारत की भू-वैज्ञानिक संरचना

  • भारत की भू-वैज्ञानिक संरचना का विकास पेंजिया के अंगारालैंड तथा गोंडवानालैंड के विभाजन से प्रारंभ होता है।

  • यहाँ प्री-कैम्ब्रियन, आर्कियन, धारवाड़, कुडप्पा तथा विंध्यन संरचनाओं का विकास हुआ।

  • प्री-कैम्ब्रियन युग की स्थलाकृतियों में अरावली पर्वत, विंध्यन श्रेणी तथा छोटानागपुर पठारी क्षेत्र प्रमुख हैं।

  • अंगारालैंड तथा गोंडवानालैंड के मध्य अवस्थित भू-सन्नति कौन-सी है – टेथिस सागर

  • भारतीय उपमहाद्वीप मूलतः किस विशाल भूखंड का भाग है – गोंडवानालैंड

  • भारत से उपलब्ध पुराचुंबकीय परिणामों के जो संकेत मिलते हैं उसके अनुसार भूतकाल में भारतीय स्थलाखंड किस दिशा की ओर अग्रसर हुआ – उत्तर की ओर

  • भारत के पश्चिमी तट का निर्माण कैसे हुआ – भूमि के उत्थान एवं निमग्नन के कारण

अंगारालैंड

गोंडवानालैंड

यूरोप, एशिया, उत्तरी अमेरिका, ग्रीनलैंड

प्रायद्वीपीय भारत, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, अंटार्कटिका, मेडागास्कर


प्री-कैंब्रियन

आर्कियन संरचना

  • सर्वप्रथम आर्कियन संरचना का विकास कैसे हुआ – गर्म गलित पदार्थों के शीतलीकरण (लावा, मैग्मा के रूपांतरण से) के द्वारा

  • प्री-कैम्ब्रियन महाकल्प के किस क्रम की चट्टानों में जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं – आर्कियन क्रम की

  • आर्कियन क्रम की चट्टानें मुख्य रूप से किन क्षेत्रों में पाई जाती हैं – आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, छोटा नागपुर का पठार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, मेघालय का पठार तथा बुंदेलखंड क्षेत्र

  • आर्कियन संरचना किस प्रकार की चट्टानों से निर्मित है – आग्नेय चट्टानों से

  • प्री-कैम्ब्रियन काल में अरावली पहाड़ियों का निर्माण किस रूप में हुआ था – मोड़दार पर्वतों के रूप में


धारवाड़ संरचना

  • धारवाड़ क्रम की चट्टानों का निर्माण किस काल में हुआ – प्री-कैम्ब्रियन काल में

  • धारवाड़ किस प्रकार की चट्टानी संरचना है – जीवाश्म रहित कायांतरित अवसादी संरचना

  • धारवाड़ संरचना का सर्वाधिक विकास किस क्षेत्र में हुआ है – कर्नाटक के धारवाड़ क्षेत्र में

  • भारत में धारवाड़ क्रम की चट्टानें हिमालय की किन श्रेणियों में पाई जाती है – लद्दाख, जास्कर, गढ़वाल तथा कुमाऊँ श्रेणी में

  • भारत के धात्विक खनिज संसाधन सबसे अधिक किस संरचना में पाए जाते हैं – धारवाड़ संरचना में

  • भारत के किस भूमिकीय शैल क्रम में लौह अयस्क का समृद्ध भंडार पाया जाता है – धारवाड़ क्रम

  • धारवाड़ संरचना में मुख्यतः कौन-से खनिज पाए जाते हैं – लौह अयस्क, ताँबा, मैंगनीज, अभ्रक, चाँदी, डोलोमाइट, सोना आदि


महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारत का 98% कोयला गोंडवाना क्रम की चट्टानों में पाया जाता है।

  • धारवाड़ क्रम की चट्टानों का निर्माण आर्कियन क्रम की चट्टानों के अपरदन एवं निक्षेपण के फलस्वरूप हुआ।

  • ‘कुडप्पा’ संरचना का विकास आर्कियन और धारवाड़ संरचना में अपरदन और भौतिक-रासायनिक परिवर्तन से प्राप्त अवसादों के निक्षेपण के द्वारा हुआ।

  • आर्कियन शैलों में धात्विक, अधात्विक तथा दुर्लभ खनिज पाए जाते हैं।

  • विंध्यन संरचना भवन निर्माण के पत्थरों के लिए प्रसिद्ध है।


कुडप्पा संरचना

  • कुडप्पा संरचना का सर्वाधिक विकास किस क्षेत्र में हुआ है – आंध्र प्रदेश के ‘कुडप्पा क्षेत्र’ में

  • कुडप्पा संरचना में सर्वाधिक भंडार है – चूना पत्थर का

  • कुडप्पा संरचना किन चट्टानों के लिए प्रसिद्ध है – चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, एस्बेस्टॉस, और संगमरमर हेतु


विंध्यन संरचना

  • विंध्यन क्रम की चट्टानों का निर्माण कैसे हुआ – जलनिक्षेपों द्वारा

  • विंध्यन संरचना निर्मित है – अवसादी चट्टान से

  • विंध्यन क्रम की चट्टानों का विस्तार किन क्षेत्रों में है – सासाराम व रोहतास क्षेत्र (बिहार), चित्तौड़गढ़ क्षेत्र (राजस्थान), होशंगाबाद (मध्य प्रदेश), आगरा

  • पन्ना (मध्य प्रदेश) तथा गोलकुंडा (आंध्र प्रदेश) की हीरे की खानें किस संरचना (चट्टानों) में पाई जाती हैं – विंध्यन क्रम की संरचना में


पैलियोजोइक (Palaeozoic)

गोंडवाना

  • प्रायद्वीपीय भारत में गोंडवाना संरचना का विकास किस युग में हुआ – ‘कार्बोनिफेरस-पर्मियन’ युग में

  • गोंडवाना संरचना का निर्माण कैसे हुआ – अवसादों के निक्षेपण के द्वारा

  • गोंडवाना लैंड के टूटने का क्रम किस युग में प्रारंभ हुआ – जुरासिक युग में

  • गोंडवाना संरचना का संबंध किन नदी बेसिनों से है – दामोदर, महानदी, गोदावरी, सोन तथा नर्मदा नदी बेसिन से है

  • ‘बिटुमिनस कोयला’ के भंडार की दृष्टि से भारत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण संरचना कौन-सी है – गोंडवाना संरचना

  • कौन-सी चट्टान प्रणाली, भारत में नवीनतम है – गोंडवाना


दक्कन ट्रैप (मेसोज़ोइक युग)

  • ‘दक्कन ट्रैप’ किस चट्टान से निर्मित संरचना है – बेसाल्ट चट्टान से

  • दक्कन ट्रैप संरचना का मुख्यतः विकास किस क्षेत्र में हुआ है – महाराष्ट्र एवं मालवा क्षेत्र

  • ‘दक्कन ट्रैप’ संरचना का विकास किन अन्य क्षेत्रों में है – गुजरात के काठियावाड़ प्रायद्वीप, कर्नाटक के बेंगलुरु-मैसूर पठार, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के पठार तथा छोटा नागपुर के राजमहल पर्वतीय क्षेत्र

  • राजमहल ट्रैप का निर्माण किस काल में हुआ था – जुरासिक काल

  • दक्कन ट्रैप का निर्माण किस काल में हुआ – क्रिटेशियस काल में (आदि नूतन)

  • भारत के दक्कन के पठार पर बेसाल्ट-निर्मित लावा शैलों का निर्माण कब हुआ – क्रिटेशियस युग में


सेनोज़ोइक काल

  • सेनोज़ोइक का अर्थ है – नवीन जीवन

  • देश की वर्तमान स्थलाकृति किस युग में सुनिश्चित हुई – प्लाइस्टोसीन युग में

  • पृथ्वी पर सबसे व्यापक हिमयुग (गुंज, मिंडेल, रिस, बुर्म) किस काल में आया – प्लाइस्टोसीन काल में

  • भारत में पेट्रोलियम पदार्थ किस क्रम की चट्टानों में पाए जाते हैं – टर्शियरी क्रम की अवसादी चट्टानों में

  • इंडस सांगपो शचर जोन (ITSZ) का निर्माण कब हुआ – प्लायोसीन और इयोसीन काल के मध्य में

  • MBF (Main Boundary Fault) का विकास कब हुआ – सेनोज़ोइक काल में

  • वृहद हिमालय की उत्पत्ति किस काल में हुई – ओलिगोसीन काल में

  • ‘शिवालिक हिमालय’ की उत्पत्ति किस काल में हुई – प्लायोसीन काल में

  • ‘लघु/मध्य हिमालय’ की उत्पत्ति किस काल में हुई – मायोसीन काल में

  • विशाल मैदान के बांगर एवं खादर रूप का विकास कब हुआ – अत्यंत नूतन युग में

  • नर्मदा, ताप्ती, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी नदियों की वेदिकाओं का निर्माण कब हुआ – सेनोज़ोइक के अत्यंत नूतन युग में

  • राजस्थान मरुस्थल अथवा थार मरुस्थल किसका विस्तार है – प्लाइस्टोसीन एवं अभिनव जमाव

  • पश्चिमी घाट का निर्माण किस काल में हुआ – उत्तर नूतन काल