<ul><li>आज़ादी की ज्वाला: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक और आंदोलन</li></ul>

  • आज़ादी की ज्वाला: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक और आंदोलन

Published on August 11, 2025

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का आंदोलन एक लंबा और जटिल संघर्ष था, जो 1857 के विद्रोह से शुरू होकर 1947 में भारत की आजादी के साथ समाप्त हुआ। इस दौरान कई महत्वपूर्ण आंदोलन और घटनाएं हुईं जिन्होंने देश को एकजुट किया और ब्रिटिश शासन को उखाड़ फेंकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

यहाँ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कुछ प्रमुख आंदोलनों की जानकारी दी गई है:

 

  • 1857 का विद्रोह: इसे भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है। मेरठ से शुरू हुआ यह विद्रोह धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गया। हालाँकि यह विद्रोह सफल नहीं हो सका, लेकिन इसने भारतीयों में राष्ट्रवाद की भावना को जगाया।
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  • बंगाल का विभाजन (1905): ब्रिटिश सरकार ने बंगाल को दो भागों में विभाजित करने का निर्णय लिया, जिसका उद्देश्य हिंदू और मुस्लिम समुदायों में फूट डालना था। इसके विरोध में स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ, जिसमें भारतीयों ने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया और स्वदेशी उत्पादों को अपनाया।
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  • होम रूल आंदोलन (1916-1918): बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन का उद्देश्य भारत के लिए स्वशासन (Home Rule) प्राप्त करना था।
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  • असहयोग आंदोलन (1920-1922): महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ यह पहला जन-आंदोलन था। इसका उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग न करना था। इसमें सरकारी सेवाओं, शिक्षण संस्थानों और अदालतों का बहिष्कार शामिल था। चौरी-चौरा की घटना के बाद गांधीजी ने इसे वापस ले लिया था।
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  • सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930): महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को दांडी मार्च के साथ इस आंदोलन की शुरुआत की। इसका उद्देश्य नमक कानून तोड़कर ब्रिटिश सरकार के प्रति अवज्ञा दिखाना था।
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  • भारत छोड़ो आंदोलन (1942): यह आंदोलन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शुरू हुआ और इसका नारा था "करो या मरो"। इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार को यह स्पष्ट कर दिया कि भारत को अब और गुलाम नहीं रखा जा सकता।
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इन आंदोलनों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी और आखिरकार 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली।