शब्द क्या है ? शब्द के कितने प्रकार है ? | What is the word ? How many types of words are there?
भाषा की न्यूनतम इकाई वाक्य है और वाक्य की न्यूनतम इकाई शब्द है ।वर्णों अथवा अक्षरों का ऐसा समूह जिसका कोई अर्थ हो, शब्द कहलाता है।
शब्द मुख्यतः दो प्रकार के होते है –
जिन शब्दों का कुछ अर्थ होता है, 'सार्थक शब्द' कहलाते है।
उदाहरण: -
जैसे- मन्दिर, पुस्तक आदि|
जिन शब्दों का कोई अर्थ नहीं होता और जिनका प्रयोग स्थान विशेष पर बोलचाल की भाषा में करते हैं। उसे 'निरर्थक शब्द' कहते है।
उदाहरण: -
जैसे- फटाफट, चटाचट, धर-धर आदि|
=>उत्पत्ति की दृष्टि से शब्द चार प्रकार के होते हैं
=> उत्पत्ति की दृष्टि से शब्द चार प्रकार के होते हैं
(1) तत्सम शब्द
(2) तद्भव शब्द
(3) देशज शब्द
(4) विदेशज शब्द
हिंदी में जो शब्द संस्कृत से ज्यों के त्यों ग्रहण कर लिए गए हैं तथा जिनमें कोई ध्वनि परिवर्तन नहीं हुआ है, तत्सम शब्द कहलाते हैं।
उदाहरण: -
जैसे- मयूर, नयन, अमूल्य, वानर आदि|
तत्सम शब्दों में समय और परिस्थितियों के कारण कुछ परिवर्तन होने से जो शब्द बने हैं उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं।
उदाहरण: -
जैसे- आग, मोर, बन्दर, चाँद आदि|
जिन शब्दों की उत्पत्ति हमारे देश की भाषाओं से हुई है, उन्हें देशज शब्द कहा जाता है।
उदाहरण: -
जैसे- दुआ, थोथा, लोटा आदि।
दूसरी भाषाओं से आये हुए शब्द विदेशज शब्द कहे जाते हैं।
उदाहरण: -
जैसे- अलमीरा, आलपीन आदि|
कुछ तत्सम व तद्भव शब्द निम्नलिखित
तत्सम शब्द ------> तद्भव शब्द
अगम -------> अगम्य
अमोल -------> अमूल्य
आग ------> अग्नि
आम -------> आम्र
नाक -------> नासिका
ब्याह -------> विवाह
भाप --------> वाष्प
भाई -------> भ्राता
=> रचना की दृष्टि से शब्द तीन प्रकार के होते हैं–
(1) रूढ़ शब्द
(2) यौगिक शब्द
(3) योगरूढ़ शब्द
(1) रूढ़
जिनका कोई भी खंड सार्थक न हो और जो परम्परा से किसी विशेष अर्थ में प्रयुक्त होते है
जैसे- लोटा, कल, जल, आदि।
(2) यौगिक
यौगिक उन शब्दों को कहते हैं, जिनके खंड सार्थक होते हैं।
जैसे- विद्यालय (विद्या और आलय), दयासागर (दया और सागर), आदि।
(3) योगरूढ़
ऐसे शब्द, जो यौगिक तो होते हैं, पर सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ का बोध कराते हैं, योगरूढ़ कहलाते हैं।
जैसे- पंकज शब्द ‘पंक’ और ‘ज’ के मेल् से बना है, जिसका विशेष अर्थ कमल होता है।