विश्व इतिहास (World History)

पुनर्जागरण

पुनर्जागरण/नवजागरण की शुरुआत इटली में हुई। इटली के महान कवि दांते को पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है। इस समय कला और साहित्य का विकास हुआ। गुटेनबर्ग (1454ई.) द्वारा प्रिण्टिंग प्रेस की खोज हुई।

धर्म सुधार आंदोलन

सुधार कार्य की शुरुआत वर्ष 1517 में जर्मनी में मार्टिंग लूथर के प्रयासों से हुई। यह सुधार धर्मावलम्बियों के संकीर्ण व अवैज्ञानिक विचारों के विरुद्ध था। यह सुधार प्रोटेस्टेण्ट सुधार से प्रभावी था, जिसे सुधार आन्दोलन कहा गया।

गौरवपूर्ण क्रांति

इस समय इंग्लैण्ड में रोमन कैथोलिक राजा जेम्स द्वितीय था। वह कैथोलिक परम्परा अनुसार स्वतंत्रता निश्चित करता था। यह घटना रक्तहीन क्रांति या गौरवशाली क्रांति के नाम से जानी जाती है।

औद्योगिक क्रांति

औद्योगिक क्रांति की शुरुआत इंग्लैण्ड में 1750 ई. में प्रारम्भ हुई। इसके पश्चात सम्पूर्ण विश्व में फैली। कृषि अर्थव्यवस्था का औद्योगिक अर्थव्यवस्था में रूपान्तरण हुआ।

अमेरिका की क्रांति

अमेरिका क्रांति को अमेरिका स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है। इस दौरान अमेरिका में इंग्लैण्ड के 13 उपनिवेशों स्वतंत्रता की घोषणा की। 4 जुलाई 1776 को अमेरिका को पूर्ण स्वतंत्रता मिली। 1783 ई. में पेरिस की संधि के तहत अमेरिका स्वतंत्रता हुआ तथा क्रांति समाप्त हुई। जॉर्ज वांशिगटन अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति बने।

फ्रांस की क्रांति

फ्रांस की क्रांति की शुरुआत 1789 ई. में लुइ सोलहवें के शासनकाल में हुई। इस क्रांति का महत्वपूर्ण व तात्कालिक कारण फ्रांस की दिवालियापन स्थिति का होना था। इसमें स्वतंत्रता, बन्धुत्व तथा समानता का विचार दिया। फ्रांस में पहली लोकतान्त्रिक उद्घोषणा 21 सितंबर 1792 को हुई।

इटली का एकीकरण

19वीं शताब्दी में इटली विभिन्न राज्यों में विभक्त था, जिसमें सार्डिनिया राज्य सबसे अधिक शक्तिशाली था। इटली की स्वतंत्रता तथा एकीकरण में जोसेफ मैजिनी तथा गैरीबाल्डी का महत्वपूर्ण योगदान था। 1861ई. में सम्पूर्ण इटली एक जगह संगठित हुआ और इमैनुअल द्वितीय इटली का राजा बना।

जर्मनी का एकीकरण

1815 ई. के पश्चात जर्मनी स्वतंत्र राज्य में विभक्त था। इसमें पर्सिया सबसे शक्तिशाली राज्य था। जर्मनी एकीकरण पहला प्रयास ई. में फ्रैंकफर्ट एसेम्ब्ली द्वारा किया गया, किन्तु यह असफल रहा। जर्मनी के एकीकरण हेतु बिस्मार्क ने लौह तथा रक्त की नीति अपनाई। जर्मनी का एकीकरण प्रशा-फ़्रांस युद्ध (1870 ई.) के पश्चात हुआ, जिसमें फ़्रांस की हार हुई।

प्रथम विश्व युद्ध

प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत 28 जुलाई 1814 को ऑस्ट्रिया द्वारा सर्बिया पर आक्रमण के साथ हुई। प्रथम विश्व युद्ध विश्व के देशों के दो गुटों के मध्य हुआ, जिसमें पहला मित्र राष्ट्र तथा दूसरा राष्ट्र धुरी था। मित्र-राष्ट्रों में इंग्लैण्ड, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका रूस तथा फ़्रांस था। धुरी राष्ट्रों में जर्मनी, आस्ट्रेलिया तथा हंगरी, तुर्की तथा बुल्गारिया थे। इस युद्ध का कारण ऑस्ट्रिया द्वारा जर्मनी तथा इटली के त्रिगुट का निर्माण था। 28 जून 1919 की वर्साय की संधि के साथ युद्ध विराम हुआ। यह संधि जर्मनी तथा मित्र-राष्ट्रों के बीच हुई।

रूस की क्रांति

रूस की क्रांति का तात्कालिक कारण प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराजय थी। इस दौरान रूस में रूपये का मूल्य बढ़ गया था, साथ ही अर्थव्यस्था की स्थिति दयनीय हो गई थी।

रूस की क्रांति दो चरणों में हुई

प्रथम चरण की शुरुआत मार्च क्रांति से हुई तथा जिसमें रूस के शासक निकोलस जार द्वितीय को गद्दी से हटाया गया। दूसरे चरण की शुरुआत नवंबर क्रांति से हुई तथा बोल्शेविक ने लेनिन के नेतृत्व में रूस पर कब्जा किया। वर्ष 1923 में यूनियन ऑफ़ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक अस्तित्व में आया।

चीनी क्रांति

चीनी वर्ष 1911 में हुई इसका नायक सुनयात सेन था। वर्ष 1912 में सुनयात सेन ने कुओमितांग पार्टी की स्थापना की और कम्युनिस्ट पार्टी की सहायता से चीन को नियंत्रित करने का प्रयास किया। राष्ट्रवाद, लोकतंत्रवाद और समाजिक न्याय डॉ. सुनयात सेन के तीन सिद्धान्त थे। माओत्से तुंग के नेतृत्व में 1 अक्टूबर 1949 में चीन में जनवादी गणराज्य की स्थापना हुई।

इटली में फासीवाद

फासिज्म का उदय सर्वप्रथम इटली में हुआ। मुसोलिनी को इसका जन्मदाता माना जाता है। इटली में फासीवाद का अंत 28 अप्रैल 1945 को माना जाता है।

जर्मनी में नाजीवाद

जर्मनी में नाजीदल का उत्थान हिटलर के नेतृत्व में वर्ष 1920 में हुआ। वर्ष 1933 में हिटलर चांसलर के रूप में नियुक्त हुआ एक राष्ट्र एक नेता हिटलर का नारा था।

द्वितीय विश्व युद्ध

द्वितीय विश्व युद्ध का प्रमुख कारण जर्मनी द्वारा पोलैण्ड पर आक्रमण था। परिणामस्वरूप ब्रिटेन और फ़्रांस ने पोलैण्ड की तरफ से जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी। द्वितीय विश्वयुद्ध धुरी राष्ट्र तथा मित्र राष्ट्रों के मध्य हुआ। धुरी राष्ट्र में जर्मनी, इटली और जापान शामिल थे। वहीं मित्र-राष्ट्र में ग्रेट ब्रिटेन। फ़्रांस, सोवियत संघ, अमेरिका, चीन आदि शामिल थे। जापान के हिरोशिमा तथा नागासाकी पर बमबारी से तथा जापान के आत्मसमर्पण से युद्ध 14 अगस्त 1945 को समाप्त हो गया।